duniya ka sabse bada paisa kahan ka hai | कुवैती 1 दीनार 13 रूपया

दोस्तों अगर हम दुनिया के सबसे बड़े पैसे की बात करें तो आपके मन में भी सवाल उठ रहे होंगे कि अभी दुनिया का सबसे बड़ा पैसा जो दीनार है और अभी इस टाइम दुनिया का सबसे बड़ा रुपया है यानी एक तरह से सबसे बड़ी करेंसी माने गई है इस करेंसी कि अगर मान्यता की बात करें तो काफी टाइम पहले हो चुकी है लेकिन आप भी इस टाइम काफी ज्यादा इसकी कीमत है मतलब दुनिया का सबसे बड़ा रुपया माना गया है अगर आप भी जानना चाहती हो कि कुवैती एक दिनार ₹13 कैसे था और किस तरह से था तो इसके बारे में हम आपको डिटेल बताएंगे आप इस पोस्ट को पूरा अच्छी तरीके से पढ़िए ताकि आपको पूरी जानकारी मिल जाए

कुवैती एक दिनार ₹13 कैसे रहा और कब रहा

इस प्रश्न के जवाब में काफी ज्यादा लोग यही सोच रहे हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है क्या इंडिया का ₹13 एक बेहतर बना के बराबर हो सकता है तो जी हां ऐसा हो सकता है इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है लेकिन इसके बारे में सबसे पहले हम डीटेल्स में जान लेते हैं कि ऐसा कब और कैसे हुआ
इस जानकारी को जानने से पहले हम आपको इस समय जो करेंसी की हालत है उसके बारे में बता देते हैं अगर $1 की बात करें तो लगभग 8083 इस तरह से इंडियन रुपया हो सकता है लेकिन यहां पर अगर हम बात करें सबसे पावरफुल करेंसी की तो पावरफुल करेंसी डॉलर है लेकिन अगर ज्यादा पैसे की बात आती है तो वहां पर जो कुवैती दिनार हो सबसे बड़ा माना गया है मतलब यही है कि अभी के दौर में इस समय दुनिया का सबसे बड़ा रुपया कुवैती दिनार है 1 कुवैती दिनार की कीमत अगर हम इंडियन रुपीस में देखते हैं तो काफी ज्यादा है अभी हम आपको बदलते हैं 1 कुवैती दिनार की कीमत ₹267 से लेकर 270 ₹71 तक 1 कुवैती दिनार की कीमत रही है और यह इस साल की बात है

कुवैती दिनार सबसे बड़ा रुपए कब बना और कैसे बना

duniya ka sabse bada paisa

दोस्तों यह बात बहुत ही पुरानी है और इसके बारे में सभी लोगों को जानकारी होना चाहिए क्योंकि कुछ लोग ऐसा भी सोचते हैं इसकी मान्यता कब हुई
दुनिया की सबसे बड़ी मुद्रा कुवैती दिनार है और यह ताकतवर कब बनी और कैसे बनी इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं तो कुवैत तेल का काफी ज्यादा भंडारण देश माना जाता है इसलिए इसकी मान्यता काफी तेजी से बढ़ गई है तेल को पूरी दुनिया में कुवैत देश निर्यात करता है दोस्तों एक बात सुनकर आप चकित हो जाएंगे 70-80 साल पहले आरबीआई द्वारा कोबे सरकार की जो करेंसी है वह जारी की जाती थी मतलब इंडियन सरकार की जरिए ही करेंसी वहां पर जारी की जाती थी यह करंसी गल्फ रूपी के नाम से जाना जाता था और यह इंडियन रुपीस के समान ही होती थी 1961 में कुवैत सरकार को ब्रिटिश सरकार से आजादी मिली उसके बाद 1963 में कुवैत पहली अरब कंट्री बन गई थी जहां पर सरकार बनना चालू हो गया था
साल 1960 में को बेस सरकार कुवैती दिनार को लांच किया और इसकी जो पहली बार कीमत थी वह इंडियन रुपीस 13 के बराबर थी 1970 में कुवैती दिनार का इंटरनेशनल मार्केट में एक्सचेंज रेट फिक्स कर दिया गया था आज भी कुवैत दिनार फिक्स रेट पर चल रहा है

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